
जेई एडवांस में सफलता हासिल करने के बाद परिवार, रिश्तेदारों और दोस्तों की बधाइयां आ रही थीं. इतना ही नहीं, एनडीए में पहली रैंक आने के बाद पूरे राज्य भर से बधाईओं की लाइन लग गई है. देश भर की मीडिया में शिवांश छाये हुए हैं. शिवांश बताते हैं कि बचपन में ही उन्होंने सेना में जाने का मन बना लिया था. घर के आसपास बहुत सारे लोग हैं, जो फौज़ में हैं जो कहीं न कहीं शिवांश को हमेशा सेना ज्वाइन कर देश की सेवा के लिए प्रेरित करते रहे. शिवांश को 26/11 की मुंबई हमले ने भी काफी प्रभावित किया था. शिवांश ये भी बताते हैं कि उनकी सेना को लेकर इतनी दिलचस्पी है कि उन्होंने यूट्यूब पर भारतीय सेना और सुरक्षा बालों से जुड़े लगभग सारी डॉक्यूमेंट्रीज देखीं हैं.
उत्तराखंड के छोटे से शहर रामनगर कि रहने वाले शिवांश ने लिटिल स्कॉलर स्कूल से 12वीं की परीक्षा 96.8 फीसदी अंकों से पास किया है. भारतीय जीवन बीमा निगम में सहायक प्रशासनिक अधिकारी के तौर पर काम करने वाले शिवांश के पिता संजीव जोशी चाहते थे कि उनका बेटा पहले आईआईटी की तैयारी करे. मगर अपने सपने पूरा करने से पहले शिवांश ने अपने पिता की चाहत को भी पूरा किया. शिवांश की मां स्कूल में पढ़ाती हैं और उन्होंने अपने बेटे के सपनों को तराशने में एक टीचर और मां दोनों की भूमिका को बखूबी निभाया |

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