प्रदेश के सभी महाविद्यालयों में एक शैक्षणिक सत्र में कम से कम 200 दिन पढ़ाई और हर हाल में 30 जून तक परीक्षाएं हो जाएंगी। समय पर परिणाम घोषित आने के साथ ही 15 जुलाई से नया सत्र भी आरंभ हो जाएगा।
यह घोषणा उच्च शिक्षा राज्यमंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों के नवनिर्वाचित छात्रसंघ पदाधिकारियों के सम्मेलन में कही। उन्होंने छात्रसंघ पदाधिकारियों से अपील की कि वे कॉलेजों में संगोष्ठियों के माध्यम से शैक्षणिक वातावरण बनाने में योगदान दें। सम्मेलन में छात्रसंघ पदाधिकारियों ने एक सुर में सेमेस्टर प्रणाली खत्म करने की मांग की। सम्मेलन में गढ़वाल विवि छात्र महासंघ के अध्यक्ष गौतम रावत, कुमाऊं विवि के रोहित मेहरा, एमपीजी कॉलेज छात्रसंघ अध्यक्ष गौरव कोरंगा और डीएवी पीजी कॉलेज के अध्यक्ष जितेंद्र सिंह बिष्ट ने भी विचार रखे। कार्यक्रम में 96 फीसदी छात्रसंघ पदाधिकारी पहुंचे थे।
अगले सत्र से ऑनलाइन वोटिंग भी
शिक्षा मंत्री ने कहा कि अगले शैक्षणिक सत्र से छात्रसंघ चुनाव में ऑनलाइन वोटिंग का विकल्प भी रखा जाएगा। 102 कॉलेजों में से 96 में चुनाव हुए। बड़े कॉलेजों में 58 फीसदी और कम छात्र संख्या वाले कॉलेजों में 70 फीसदी मतदान हुआ। अगले सत्र से शत प्रतिशत मतदान के लिए ऑनलाइन वोटिंग का विकल्प भी रखा जाएगा।
2300 छात्रों के 180 दिन पूरे नहीं थे
उन्होंने कहा कि पिछले साल महाविद्यालयों में 2300 ऐसे छात्र चिह्नित हुए थे, जिन्होंने 180 दिन का शैक्षणिक कैलेंडर की शर्त को पूरा नहीं किया था। इन छात्रों के अभिभावकों को नोटिस भेजने पड़े, ताकि वे कॉलेज में आएं।
शिक्षक, फर्नीचर और सुविधा सरकार देगी
सम्मेलन में उठी समस्याओं पर उन्होंने स्वीकार किया कि शिक्षकों की कमी, फर्नीचर व अन्य सुविधाओं की कमी से भी छात्र महाविद्यालयों में नहीं आते हैं। लेकिन सरकार शैक्षणिक कैलेंडर को पूरा करने के लिए सारे संसाधन उपलब्ध कराएगी। कॉलेजों में 2100 प्रोफेसर और 1100 असिस्टेंट प्रोफेसर के पद हैं, जिनमें से खाली पदों को सरकार अतिथि शिक्षकों, संविदा और लोकसेवा आयोग के माध्यम से भरेगी। तीन महीने में 877 असिस्टेंट प्रोफेसर मिल जाएंगे।
एडीबी से 576 करोड़ से चकाचक होंगे कॉलेज
मंत्री ने कहा कि अब एक भी महाविद्यालय किराए के भवन पर नहीं रहेगा। प्रदेश सरकार एडीबी के तहत 576 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता लेने जा रही है। इस धनराशि से कॉलेज भवनों का निर्माण होगा। अवस्थापना सुविधाओं के साथ शैक्षणिक संसाधन भी जुटाए जाएंगे। अभी 102 सरकारी महाविद्यालयों में 76 अपने भवन पर चल रहे हैं
छात्रसंघ चुनाव में पहली बार
- 18 साल में पहली बार छात्र पदाधिकारियों का सीएम से संवाद
- 10 छात्राएं पहली बार छात्रसंघ अध्यक्ष निर्वाचित हुईं
- 37 छात्रसंघों में छात्राएं विभिन्न पदों पर जीतकर आईं
- पांच कॉलेजों में छात्रसंघ चुनाव के नतीजे बराबर रहेयह घोषणा उच्च शिक्षा राज्यमंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों के नवनिर्वाचित छात्रसंघ पदाधिकारियों के सम्मेलन में कही। उन्होंने छात्रसंघ पदाधिकारियों से अपील की कि वे कॉलेजों में संगोष्ठियों के माध्यम से शैक्षणिक वातावरण बनाने में योगदान दें। सम्मेलन में छात्रसंघ पदाधिकारियों ने एक सुर में सेमेस्टर प्रणाली खत्म करने की मांग की। सम्मेलन में गढ़वाल विवि छात्र महासंघ के अध्यक्ष गौतम रावत, कुमाऊं विवि के रोहित मेहरा, एमपीजी कॉलेज छात्रसंघ अध्यक्ष गौरव कोरंगा और डीएवी पीजी कॉलेज के अध्यक्ष जितेंद्र सिंह बिष्ट ने भी विचार रखे। कार्यक्रम में 96 फीसदी छात्रसंघ पदाधिकारी पहुंचे थे।
अगले सत्र से ऑनलाइन वोटिंग भी
शिक्षा मंत्री ने कहा कि अगले शैक्षणिक सत्र से छात्रसंघ चुनाव में ऑनलाइन वोटिंग का विकल्प भी रखा जाएगा। 102 कॉलेजों में से 96 में चुनाव हुए। बड़े कॉलेजों में 58 फीसदी और कम छात्र संख्या वाले कॉलेजों में 70 फीसदी मतदान हुआ। अगले सत्र से शत प्रतिशत मतदान के लिए ऑनलाइन वोटिंग का विकल्प भी रखा जाएगा।
2300 छात्रों के 180 दिन पूरे नहीं थे
उन्होंने कहा कि पिछले साल महाविद्यालयों में 2300 ऐसे छात्र चिह्नित हुए थे, जिन्होंने 180 दिन का शैक्षणिक कैलेंडर की शर्त को पूरा नहीं किया था। इन छात्रों के अभिभावकों को नोटिस भेजने पड़े, ताकि वे कॉलेज में आएं।
शिक्षक, फर्नीचर और सुविधा सरकार देगी
सम्मेलन में उठी समस्याओं पर उन्होंने स्वीकार किया कि शिक्षकों की कमी, फर्नीचर व अन्य सुविधाओं की कमी से भी छात्र महाविद्यालयों में नहीं आते हैं। लेकिन सरकार शैक्षणिक कैलेंडर को पूरा करने के लिए सारे संसाधन उपलब्ध कराएगी। कॉलेजों में 2100 प्रोफेसर और 1100 असिस्टेंट प्रोफेसर के पद हैं, जिनमें से खाली पदों को सरकार अतिथि शिक्षकों, संविदा और लोकसेवा आयोग के माध्यम से भरेगी। तीन महीने में 877 असिस्टेंट प्रोफेसर मिल जाएंगे।
एडीबी से 576 करोड़ से चकाचक होंगे कॉलेज
मंत्री ने कहा कि अब एक भी महाविद्यालय किराए के भवन पर नहीं रहेगा। प्रदेश सरकार एडीबी के तहत 576 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता लेने जा रही है। इस धनराशि से कॉलेज भवनों का निर्माण होगा। अवस्थापना सुविधाओं के साथ शैक्षणिक संसाधन भी जुटाए जाएंगे। अभी 102 सरकारी महाविद्यालयों में 76 अपने भवन पर चल रहे हैं
छात्रसंघ चुनाव में पहली बार
- 18 साल में पहली बार छात्र पदाधिकारियों का सीएम से संवाद
- 10 छात्राएं पहली बार छात्रसंघ अध्यक्ष निर्वाचित हुईं
- 37 छात्रसंघों में छात्राएं विभिन्न पदों पर जीतकर आईं
- चुनाव लड़ने का दूसरा मौका अब नहीं मिल पाएगा
हेडमास्टर की भूमिका में दिखे धन सिंह
सम्मेलन में उच्च शिक्षा राज्यमंत्री डॉ. धन सिंह हेडमास्टर की भूमिका में दिखे। जब छात्र एबीवीपी जिंदाबाद के नारे लगाने लगे तो उन्होंने कड़ाई से नोटिस लेते हुए कहा कि यहां दल या संगठन का कोई नारा नहीं लगेगा। जब तक सीएम नहीं पहुंचे, तब तक वे छात्रों को अनुशासन और उत्तरदायित्व का पाठ पढ़ाते रहे।
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