पंजाब शिक्षा बोर्ड की 11वीं और 12वीं की इतिहास की किताबों को लेकर एक बार फिर से विवाद खड़ा हो गया है. कुछ महीने पहले इन्हीं इतिहास की किताबों से सिख धर्म गुरुओं के जीवन से जुड़े चैप्टर हटाने को लेकर बवाल मचा था, लेकिन अब जो नई किताबें और चैप्टर शिक्षा विभाग ने अपनी वेबसाइट पर ऑनलाइन अपलोड किए हैं उनको लेकर भी विवाद खड़ा हो गया है.
अकाली दल का आरोप है कि इन किताबों में सिख गुरुओं को लेकर आपत्तिजनक शब्दावली का इस्तेमाल किया गया है और कई तथ्यों को या तो जान-बूझकर हटा दिया गया है या फिर तोड़-मरोड़ कर अधूरी जानकारी के साथ किताबों में लिखा गया है. अकाली दल का आरोप है कि जानबूझकर एक के बाद एक इस तरह की गलतियां करके पंजाब शिक्षा बोर्ड और शिक्षा मंत्रालय सिख गुरुओं के इतिहास को छात्रों तक गलत तरीके से पेश कर रहा है.
अकाली दल ने जल्द ही इन नई अपलोड की गई किताबों और उनके चैप्टरों को हटाने की मांग की है. उनका आरोप है कि सिख धर्मगुरुओं को लेकर इन किताबों में कुछ ऐसी गलतियां की गई है.
निम्न्लिखित तथ्यों पर है विवाद
- गुरु अर्जुन देव जी की शहादत नहीं हुई थी बल्कि उनको मुगल शासकों ने जुर्माना भरवा कर छोड़ दिया था.
- गुरु हरगोविंद सिंह जी शिकार खेलने के शौकीन थे और श्रद्धालुओं की जगह दुष्टों को तरजीह दिया करते थे.
- गुरु गोविंद सिंह जी चमकौर साहिब की लड़ाई को बीच में छोड़कर चुपचाप चले गए थे.
- गुरु तेग बहादुर साहिब को लेकर भी पाठ्यक्रम में तथ्यों से छेड़छाड़ और कई जरूरी तथ्य हटाने के आरोप हैं.
- गुरु गोविंद सिंह जी ने एक गांव को लूटा था
इन जैसे कई और तथ्य है जोकि इतिहास के चैप्टरों में लिखे गए हैं और इन्हीं बातों को लेकर अकाली दल को कड़ा ऐतराज है.
इस तरह की गलतियां सामने आने के बाद जहां एक और पंजाब शिक्षा बोर्ड और शिक्षा मंत्री बैकफुट पर हैं और पूरी तरह से चुप्पी साध ली है तो वहीं पंजाब कांग्रेस के प्रवक्ता भी इस मामले में गलती होने की बात कबूल कर रहे हैं और जांच करवा कर इस तरह के चैप्टरों को हटाने की बात कह रहे हैं.
पंजाब कांग्रेस के प्रवक्ता राजकुमार वेरका उस सवाल का जवाब नहीं दे पाए जिसमें उनसे पूछा गया कि बार-बार पंजाब शिक्षा बोर्ड की 11वीं और 12वीं की इतिहास की किताबों में सिख धर्म गुरुओं को लेकर इस तरह की गलतियां सामने क्यों आ रही हैं?
पहले भी की हैं गलतियां
पंजाब शिक्षा बोर्ड इससे पहले भी कई बार इस तरह की गलतियां कर चुका है जिसमें सिख धर्म गुरुओं से जुड़े चैप्टरों को या तो हटा दिया गया या गलत जानकारियां दी गई.
अब जिस तरह से एक बार फिर इसी तरह से गलतियां दोहराई गई है तो ऐसे में ये सवाल उठना लाजमी है कि तमाम शिक्षाविद् और इतिहास के जानकार होने के बावजूद भी पंजाब शिक्षा बोर्ड की किताबों में इस तरह की गलतियां आखिरकार बार-बार क्यूं हो रही हैं....?
अकाली दल का आरोप है कि इन किताबों में सिख गुरुओं को लेकर आपत्तिजनक शब्दावली का इस्तेमाल किया गया है और कई तथ्यों को या तो जान-बूझकर हटा दिया गया है या फिर तोड़-मरोड़ कर अधूरी जानकारी के साथ किताबों में लिखा गया है. अकाली दल का आरोप है कि जानबूझकर एक के बाद एक इस तरह की गलतियां करके पंजाब शिक्षा बोर्ड और शिक्षा मंत्रालय सिख गुरुओं के इतिहास को छात्रों तक गलत तरीके से पेश कर रहा है.
अकाली दल ने जल्द ही इन नई अपलोड की गई किताबों और उनके चैप्टरों को हटाने की मांग की है. उनका आरोप है कि सिख धर्मगुरुओं को लेकर इन किताबों में कुछ ऐसी गलतियां की गई है.
निम्न्लिखित तथ्यों पर है विवाद
- गुरु अर्जुन देव जी की शहादत नहीं हुई थी बल्कि उनको मुगल शासकों ने जुर्माना भरवा कर छोड़ दिया था.
- गुरु हरगोविंद सिंह जी शिकार खेलने के शौकीन थे और श्रद्धालुओं की जगह दुष्टों को तरजीह दिया करते थे.
- गुरु गोविंद सिंह जी चमकौर साहिब की लड़ाई को बीच में छोड़कर चुपचाप चले गए थे.
- गुरु तेग बहादुर साहिब को लेकर भी पाठ्यक्रम में तथ्यों से छेड़छाड़ और कई जरूरी तथ्य हटाने के आरोप हैं.
- गुरु गोविंद सिंह जी ने एक गांव को लूटा था
इन जैसे कई और तथ्य है जोकि इतिहास के चैप्टरों में लिखे गए हैं और इन्हीं बातों को लेकर अकाली दल को कड़ा ऐतराज है.
इस तरह की गलतियां सामने आने के बाद जहां एक और पंजाब शिक्षा बोर्ड और शिक्षा मंत्री बैकफुट पर हैं और पूरी तरह से चुप्पी साध ली है तो वहीं पंजाब कांग्रेस के प्रवक्ता भी इस मामले में गलती होने की बात कबूल कर रहे हैं और जांच करवा कर इस तरह के चैप्टरों को हटाने की बात कह रहे हैं.
पंजाब कांग्रेस के प्रवक्ता राजकुमार वेरका उस सवाल का जवाब नहीं दे पाए जिसमें उनसे पूछा गया कि बार-बार पंजाब शिक्षा बोर्ड की 11वीं और 12वीं की इतिहास की किताबों में सिख धर्म गुरुओं को लेकर इस तरह की गलतियां सामने क्यों आ रही हैं?
पहले भी की हैं गलतियां
पंजाब शिक्षा बोर्ड इससे पहले भी कई बार इस तरह की गलतियां कर चुका है जिसमें सिख धर्म गुरुओं से जुड़े चैप्टरों को या तो हटा दिया गया या गलत जानकारियां दी गई.
अब जिस तरह से एक बार फिर इसी तरह से गलतियां दोहराई गई है तो ऐसे में ये सवाल उठना लाजमी है कि तमाम शिक्षाविद् और इतिहास के जानकार होने के बावजूद भी पंजाब शिक्षा बोर्ड की किताबों में इस तरह की गलतियां आखिरकार बार-बार क्यूं हो रही हैं....?
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