महाराष्ट्र सरकार ने सर्व शिक्षा अभियान की उन दो किताबों को वापस मंगाने का फैसला लिया है, जिनमें छत्रपति संभाजी महाराज को लेकर विवादित जानकारी लिखी होने का आरोप था. किताब को लेकर संभाजी ब्रिगेड ने इसका विरोध किया था और संबंधित व्यक्तियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने की मांग की थी
विरोध के बाद महाराष्ट्र की राज्य शिक्षा शोध समिति ने सभी शिक्षा अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे सभी स्कूलों के प्रधानाध्यापकों को सूचित करें कि वे सभी किताबें जमा करें और उसे अपनी निगरानी में रखें. बता दें कि लेखिका डॉ. शुभा साठे ने समर्थ श्री रामदास स्वामी पुस्तक लिखी है, जिसे सर्व शिक्षा अभियान में शामिल किया गया है |
आरोप है कि इस पुस्तक के पेज नंबर 18 पर छत्रपति संभाजी महाराज के बारे में विवादास्पद जानकारी लिखी गई है. संभाजी महाराज के बारे में जो जानकारी दी गई है, वह गलत बताई जा रही है. इस पुस्तक को बांटने की मंजूरी देने वाले अधिकारी, सर्व शिक्षा अभियान के प्रमुख अधिकारी, प्रकाशक, लेखक पर राष्ट्रद्रोह का मामला दर्ज करने की मांग की गई है.
वहीं, दूसरी ओर गोपीनाथ तलवालकर की लिखी गई किताब संतचे जीवन प्रसंग में संत तुकाराम और उनकी पत्नी को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणी लिखे जाने का विरोध किया जा रहा है. किताबों को लेकर सरकार से मांग करते हुए संगठन ने कहा कि जांच के बाद कार्रवाई की जानी चाहिए |
विरोध के बाद महाराष्ट्र की राज्य शिक्षा शोध समिति ने सभी शिक्षा अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे सभी स्कूलों के प्रधानाध्यापकों को सूचित करें कि वे सभी किताबें जमा करें और उसे अपनी निगरानी में रखें. बता दें कि लेखिका डॉ. शुभा साठे ने समर्थ श्री रामदास स्वामी पुस्तक लिखी है, जिसे सर्व शिक्षा अभियान में शामिल किया गया है |
आरोप है कि इस पुस्तक के पेज नंबर 18 पर छत्रपति संभाजी महाराज के बारे में विवादास्पद जानकारी लिखी गई है. संभाजी महाराज के बारे में जो जानकारी दी गई है, वह गलत बताई जा रही है. इस पुस्तक को बांटने की मंजूरी देने वाले अधिकारी, सर्व शिक्षा अभियान के प्रमुख अधिकारी, प्रकाशक, लेखक पर राष्ट्रद्रोह का मामला दर्ज करने की मांग की गई है.
वहीं, दूसरी ओर गोपीनाथ तलवालकर की लिखी गई किताब संतचे जीवन प्रसंग में संत तुकाराम और उनकी पत्नी को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणी लिखे जाने का विरोध किया जा रहा है. किताबों को लेकर सरकार से मांग करते हुए संगठन ने कहा कि जांच के बाद कार्रवाई की जानी चाहिए |
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