| सरकार का कहना है कि प्राइमरी स्कूलों में मानक से ज्यादा संख्या में ऊर्दू शिक्षक तैनात है, इसीलिए अब और अधिक शिक्षकों की भर्ती की जरूरत नहीं है. ऊर्दू शिक्षक के पदों पर भर्ती अखिलेश सरकार के शासनकाल में 2016 में शुरू हुई थी. शिक्षकों के 16460 रिक्त पदों में से चार हजार पदों को उर्दू शिक्षकों (Urdu Teachers) के लिए अलग किया गया था. पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने 15 सितंबर 2016 को 4 हजार पदों पर भर्ती के लिए मंजूरी दी थी| मार्च 2017 में काउंसलिंग की डेट जारी की गई थी, लेकिन सरकार बदल जाने के बाद नई सरकार ने इस पर रोक लगा दी. उम्मीदवारों ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की. इस पर हाईकोर्ट ने 15 अप्रैल 2018 को सरकार को दो महीने में नियुक्ति करने का आदेश दिया |
लेकिन इसके बाद भी भर्ती की प्रक्रिया आगे नहीं बढ़ी. लेकिन अब अपर मुख्य सचिव डॉ. प्रभात कुमार ने नोटिस जारी कर भर्ती को रद्द कर दिया है. योगी सरकार का कहना है कि यूपी के प्राइमरी स्कूलों में पर्याप्त संख्या में ऊर्दू शिक्षक हैं |
लेकिन इसके बाद भी भर्ती की प्रक्रिया आगे नहीं बढ़ी. लेकिन अब अपर मुख्य सचिव डॉ. प्रभात कुमार ने नोटिस जारी कर भर्ती को रद्द कर दिया है. योगी सरकार का कहना है कि यूपी के प्राइमरी स्कूलों में पर्याप्त संख्या में ऊर्दू शिक्षक हैं |
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