सफलता की ऐसी कहानी है उत्तराखंड की रहने वाली दिव्या रावत की. जिन्होंने मशरूम का उत्पादन शुरू कर खड़ी कर दी करोंडो रुपये की कंपनी |
दिव्या को मशरूम लेडी के नाम से जाना जाता है. नोएडा के यूनिवर्सिटी से पढ़ाई की है. जिसके बाद उन्होंने नौकरी करना शुरू किया. लेकिन वह जल्द ही समझ गई थी कि अगर कुछ बड़ा करना है, तो नौकरी को छोड़ना होगा. कुछ समय बाद वह नौकरी छोड़ कर गांव आ गई. उन्हें शुरुआत से ही खेती में दिलचस्पी थी. जिसके बाद उन्हें आइडिया आया क्यों ना मशरूम का उत्पादन किया जाए.
जिसके बाद उन्होंने एक छोटे से कमरे में मशरूम का बिजनेस शुरू किया. धीरे-धीरे कर उनका कारोबार बढ़ा और वह अपनी कंपनी सौम्या 'फूड प्राइवेट लिमिटेड' की मालकिन भी बन गईं. बतादें, आज कंपनी का टर्नओवर लाखों में है. कंपनी के तीन मंजिले मशरूम प्लांट से भारी मात्रा में प्रोडक्शन हो रहा है. उनके प्लांट में वर्ष में तीन तरह के मशरूम उत्पादित किये जाते हैं- बटन, ओएस्टर और मिल्की मशरूम. इनकी सप्लाई उत्तराखंड में ही नहीं बल्कि दिल्ली की आजादपुर मंडी तक हो रही है.
उन्होंने उच्च शिक्षा प्राप्त की लेकिन नौकरी करने का बाद दिव्या ने अपना काम शुरू करने की ठानी. उनके काम की शुरुआत हुई साल 2012 से. दिव्या का यह सफर आज सौम्या फूड प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के रूप में खड़ा है |
जहां वह लाखों में कमाई कर रही है, वहीं उनकी कंपनी ने कई गांव के लोगों को रोजगार भी दिया है, जिसकी वजह से उनके घर का चुल्हा जल रहा है | आज दिव्या अपने कारोबार में सफल होने के साथ गांव में किसानों के लिए प्रेरणा का स्रोत बन गई हैं |
आज दिव्या मशरूम के प्रॉडक्शन की ट्रेनिंग भी देती हैं | मशरूम लेडी के नाम से पहचान बनाने वाली
देहरादून की दिव्या रावत को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर नारी शक्ति पुरस्कार से नवाजा गया | उन्होंने राष्ट्रपति भवन में हुए समारोह में यह पुरस्कार पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के हाथों ग्रहण किया था |
दिव्या को मशरूम लेडी के नाम से जाना जाता है. नोएडा के यूनिवर्सिटी से पढ़ाई की है. जिसके बाद उन्होंने नौकरी करना शुरू किया. लेकिन वह जल्द ही समझ गई थी कि अगर कुछ बड़ा करना है, तो नौकरी को छोड़ना होगा. कुछ समय बाद वह नौकरी छोड़ कर गांव आ गई. उन्हें शुरुआत से ही खेती में दिलचस्पी थी. जिसके बाद उन्हें आइडिया आया क्यों ना मशरूम का उत्पादन किया जाए.
जिसके बाद उन्होंने एक छोटे से कमरे में मशरूम का बिजनेस शुरू किया. धीरे-धीरे कर उनका कारोबार बढ़ा और वह अपनी कंपनी सौम्या 'फूड प्राइवेट लिमिटेड' की मालकिन भी बन गईं. बतादें, आज कंपनी का टर्नओवर लाखों में है. कंपनी के तीन मंजिले मशरूम प्लांट से भारी मात्रा में प्रोडक्शन हो रहा है. उनके प्लांट में वर्ष में तीन तरह के मशरूम उत्पादित किये जाते हैं- बटन, ओएस्टर और मिल्की मशरूम. इनकी सप्लाई उत्तराखंड में ही नहीं बल्कि दिल्ली की आजादपुर मंडी तक हो रही है.
उन्होंने उच्च शिक्षा प्राप्त की लेकिन नौकरी करने का बाद दिव्या ने अपना काम शुरू करने की ठानी. उनके काम की शुरुआत हुई साल 2012 से. दिव्या का यह सफर आज सौम्या फूड प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के रूप में खड़ा है |
जहां वह लाखों में कमाई कर रही है, वहीं उनकी कंपनी ने कई गांव के लोगों को रोजगार भी दिया है, जिसकी वजह से उनके घर का चुल्हा जल रहा है | आज दिव्या अपने कारोबार में सफल होने के साथ गांव में किसानों के लिए प्रेरणा का स्रोत बन गई हैं |
आज दिव्या मशरूम के प्रॉडक्शन की ट्रेनिंग भी देती हैं | मशरूम लेडी के नाम से पहचान बनाने वाली
देहरादून की दिव्या रावत को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर नारी शक्ति पुरस्कार से नवाजा गया | उन्होंने राष्ट्रपति भवन में हुए समारोह में यह पुरस्कार पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के हाथों ग्रहण किया था |
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