यूपीएससी परीक्षा के परिणाम जारी होने के बाद आपने कई उम्मीदवारों की कहानी सुनी होगी जिन्होंने काफी मेहनत करके इस परीक्षा को पास किया है. जहां इस परीक्षा में पहला और दूसरा स्थान हासिल कर डुरीशेट्टी अनुदीप और अनु कुमारी ने अपनी काबिलियत का लोहा मनवाया है. वहीं यूपीएससी परीक्षा पास करने वालों की रेस में एक ऐसे शख्स का नाम भी शामिल हैं जिन्होंने पहला-दूसरा स्थान तो हासिल नहीं किया लेकिन अपने संघर्ष से सभी का दिल जीत लिया.
हम बात कर रहे हैं झुंझुनू (राजस्थान) के रहने वाले विजय सिंह की. जिन्होंने इस साल यूपीएससी परीक्षा पास की है. उन्होंने अपनी शुरुआती पढ़ाई राजस्थान में पूरी की है. साल 2002 में 10वीं कक्षा पास की और साल 2004 में 12वीं कक्षा पास की. परीक्षा पास करने के बाद विजय ने 2009 में संस्कृत विषय से ग्रेजुएशन किया
पढ़ाई पूरी करने के बाद साल 2010 में उनका चयन दिल्ली पुलिस में कांस्टेबल के पद पर हो गया. जिसके बाद विजय ने कड़ी मेहनत की और साल 2010 में ही उनका चयन दिल्ली पुलिस में सब-इंस्पेक्टर के पद हो गया.
विजय ने बताया कि वह अपनी नौकरी के साथ-साथ हर दिन नियमित रूप से पढ़ाई करते थे. यही कारण था कि उन्होंने साल 2012 में एसएससी ग्रेजुएट लेवेल परीक्षा में सफलता हासिल की. बता दें, उन्हें सेंट्रल एक्साइज और कस्टम मिला है. इसके बाद विजय का चयन 2014 में भी इस परीक्षा में हुआ जिसमें उन्हें इनकम टैक्स इंस्पेक्टर का पद मिला. वहीं उनका सफर यहीं नहीं रुका. अपनी इस सफलता से विजय ने अपने इरादों को डगमगाने नहीं दिया और अपनी पढ़ाई जारी रखी.
विजय के पास वो सब कुछ था जो एक आम इंसान के पास होना चाहिए. लेकिन वह जीवन में कुछ और करना चाहते थे. जिसके बाद उन्होंने यूपीएससी की तैयारी करने के बारे में सोचा और जी-तोड़ मेहनत करने लगे. यूपीएससी की सिविल सेवा परीक्षा 2017 के रिजल्ट आते ही मेहनत रंग लाई. जहां उन्होंने 574वीं रैंक हासिल की. इस रैंक के साथ उन्हें आईपीएस मिलने की संभावना है.
अपनी सफलता का श्रेय विजय अपने माता-पिता और मार्गदर्शक आईएएस के निदेशक कमल देव सिंह को देते हैं. जहां उन्होंने कहा हर कदम पर मुझे प्रोत्साहन मिलता रहा. माता-पिता और कमल देव सिंह की वजह से ही मैं अपने सपनों को जी पा रहा हूं |
हम बात कर रहे हैं झुंझुनू (राजस्थान) के रहने वाले विजय सिंह की. जिन्होंने इस साल यूपीएससी परीक्षा पास की है. उन्होंने अपनी शुरुआती पढ़ाई राजस्थान में पूरी की है. साल 2002 में 10वीं कक्षा पास की और साल 2004 में 12वीं कक्षा पास की. परीक्षा पास करने के बाद विजय ने 2009 में संस्कृत विषय से ग्रेजुएशन किया
पढ़ाई पूरी करने के बाद साल 2010 में उनका चयन दिल्ली पुलिस में कांस्टेबल के पद पर हो गया. जिसके बाद विजय ने कड़ी मेहनत की और साल 2010 में ही उनका चयन दिल्ली पुलिस में सब-इंस्पेक्टर के पद हो गया.
विजय ने बताया कि वह अपनी नौकरी के साथ-साथ हर दिन नियमित रूप से पढ़ाई करते थे. यही कारण था कि उन्होंने साल 2012 में एसएससी ग्रेजुएट लेवेल परीक्षा में सफलता हासिल की. बता दें, उन्हें सेंट्रल एक्साइज और कस्टम मिला है. इसके बाद विजय का चयन 2014 में भी इस परीक्षा में हुआ जिसमें उन्हें इनकम टैक्स इंस्पेक्टर का पद मिला. वहीं उनका सफर यहीं नहीं रुका. अपनी इस सफलता से विजय ने अपने इरादों को डगमगाने नहीं दिया और अपनी पढ़ाई जारी रखी.
विजय के पास वो सब कुछ था जो एक आम इंसान के पास होना चाहिए. लेकिन वह जीवन में कुछ और करना चाहते थे. जिसके बाद उन्होंने यूपीएससी की तैयारी करने के बारे में सोचा और जी-तोड़ मेहनत करने लगे. यूपीएससी की सिविल सेवा परीक्षा 2017 के रिजल्ट आते ही मेहनत रंग लाई. जहां उन्होंने 574वीं रैंक हासिल की. इस रैंक के साथ उन्हें आईपीएस मिलने की संभावना है.
अपनी सफलता का श्रेय विजय अपने माता-पिता और मार्गदर्शक आईएएस के निदेशक कमल देव सिंह को देते हैं. जहां उन्होंने कहा हर कदम पर मुझे प्रोत्साहन मिलता रहा. माता-पिता और कमल देव सिंह की वजह से ही मैं अपने सपनों को जी पा रहा हूं |
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