उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) की ओर से जारी आरओ-एआरओ प्रारंभिक परीक्षा-2017 के आठ प्रश्नों को लेकर विवाद है। इनमें सामान्य अध्ययन के पांच और सामान्य हिंदी के तीन प्रश्न शामिल हैं। हालांकि आयोग ने उत्तर कुंजी जारी करने के साथ ही अभ्यर्थियों को 15 अक्तूबर तक आपत्ति दर्ज कराने का मौका दिया है। अभ्यर्थियों का कहना है कि सोमवार को आयोग में इन सवालों पर आपत्ति दर्ज कराएंगे।
अभ्यर्थियों का दावा है कि सामान्य अध्ययन के प्रश्नपत्र में जनसंख्या नियंत्रण के उपाय संबंधी प्रश्न में आयोग ने ‘सी’ विकल्प को सही माना है जबकि इसके ‘ए’ और ‘डी’ दोनों विकल्प सही हैं। इसी तरह वृहद पारिस्थितिकी तंत्र से संबंधित प्रश्न में आयोग ने विकल्प ‘डी’ को सही माना है जबकि अभ्यर्थी विकल्प ‘ए’ सही होने का दावा कर रहे हैं। वहीं, चीनी मिल से जुड़े सवाल के विकल्प ‘ए’ को आयोग ने सही माना है जबकि अभ्यर्थी दावा कर रहे हैं कि विकल्प ‘सी’ सही होगा। इसके अलावा आयोग ने एक अन्य सवाल का जो सही विकल्प माना है, अभ्यर्थियों ने उसे खारिज करते हुए दावा किया है कि इसका दूसरा विकल्प अधिक तर्कपूर्ण है। वहीं, चावल उत्पादन से जुड़े सवाल पर अभ्यर्थियों ने ‘पश्चिम बंगाल’ सही विकल्प होने का दावा किया है जबकि आयोग ने किसी दूसरे विकल्प को सही माना है।
वहीं, सामान्य हिंदी के प्रश्नपत्र में आयोग ने अप्रमेय संबंधी जिस सवाल को हटाया है, उस पर अभ्यर्थियों ने आपत्ति करते हुए दावा किया है कि सवाल सही था और इसे नहीं हटाया जाना चाहिए। इसके अलावा एक शुद्ध वाक्य के चयन से जुड़ा सवाल गलत है। अभ्यर्थियों का कहना है कि इस डिलीट किया जाना चाहिए था लेकिन आयोग ने सवाल नहीं हटाया। सामान्य हिंदी में ही विलोम संबंधी युग्म आधारित सवाल के जवाब के रूप में आयोग ने जिस विकल्प को सही माना है, अभ्यर्थी उसके गलत होने का दावा कर रहे हैं। फिलहाल अभ्यर्थियों को 15 अक्तूबर तक अपनी आपत्ति दर्ज कराने का मौका दिया गया है। अभ्यर्थी सोमवार को आयेग में इन सवालों पर अपनी आपत्ति दर्ज कराएंगे।
अभ्यर्थियों का दावा है कि सामान्य अध्ययन के प्रश्नपत्र में जनसंख्या नियंत्रण के उपाय संबंधी प्रश्न में आयोग ने ‘सी’ विकल्प को सही माना है जबकि इसके ‘ए’ और ‘डी’ दोनों विकल्प सही हैं। इसी तरह वृहद पारिस्थितिकी तंत्र से संबंधित प्रश्न में आयोग ने विकल्प ‘डी’ को सही माना है जबकि अभ्यर्थी विकल्प ‘ए’ सही होने का दावा कर रहे हैं। वहीं, चीनी मिल से जुड़े सवाल के विकल्प ‘ए’ को आयोग ने सही माना है जबकि अभ्यर्थी दावा कर रहे हैं कि विकल्प ‘सी’ सही होगा। इसके अलावा आयोग ने एक अन्य सवाल का जो सही विकल्प माना है, अभ्यर्थियों ने उसे खारिज करते हुए दावा किया है कि इसका दूसरा विकल्प अधिक तर्कपूर्ण है। वहीं, चावल उत्पादन से जुड़े सवाल पर अभ्यर्थियों ने ‘पश्चिम बंगाल’ सही विकल्प होने का दावा किया है जबकि आयोग ने किसी दूसरे विकल्प को सही माना है।
वहीं, सामान्य हिंदी के प्रश्नपत्र में आयोग ने अप्रमेय संबंधी जिस सवाल को हटाया है, उस पर अभ्यर्थियों ने आपत्ति करते हुए दावा किया है कि सवाल सही था और इसे नहीं हटाया जाना चाहिए। इसके अलावा एक शुद्ध वाक्य के चयन से जुड़ा सवाल गलत है। अभ्यर्थियों का कहना है कि इस डिलीट किया जाना चाहिए था लेकिन आयोग ने सवाल नहीं हटाया। सामान्य हिंदी में ही विलोम संबंधी युग्म आधारित सवाल के जवाब के रूप में आयोग ने जिस विकल्प को सही माना है, अभ्यर्थी उसके गलत होने का दावा कर रहे हैं। फिलहाल अभ्यर्थियों को 15 अक्तूबर तक अपनी आपत्ति दर्ज कराने का मौका दिया गया है। अभ्यर्थी सोमवार को आयेग में इन सवालों पर अपनी आपत्ति दर्ज कराएंगे।
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