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Monday, September 24, 2018

MP में लागू होगा पुस्तकालय अधिनियम, होगी लाइब्रेरी हर विद्यालय में अनिवार्य

राजधानी में राज्य स्तरीय पहली स्मार्ट डिजिटल लाइब्रेरी बनेगी, जहां आप ऑनलाइन हर किताब को पढ़ पाएंगे। लाइब्रेरी में आईआईटी, आईआईएम, अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं व हर कोर्स की किताबें मौजूद होंगी। इसका सबसे ज्यादा फायदा स्कूल-कॉलेज के विद्यार्थियों को मिलेगा। मुख्यमंत्री के विजन-2018 के तहत राज्य स्तरीय डिजिटल लाइब्रेरी तैयार की जा रही है। शासन की ओर से इसके लिए 58 करोड़ स्र्पए का बजट स्कूल शिक्षा विभाग को प्रदान किया गया है। लाइब्रेरी बनाने के लिए जगह की तलाश की जा रही है। प्रदेश में पुस्तकालय अधिनियम भी लागू किया जाएगा।
दरअसल प्रदेश में पुस्तकालय अधिनियम की आवश्यकता लंबे समय से की जा रही थी। इसके लिए मप्र स्कूल शिक्षा विभाग की ओर से एक समिति बनाई गई। अधिनियम के तहत हर विद्यालय में लाइब्रेरी अनिवार्य होगी। राज्य स्तरीय आधुनिक पुस्कतालय के वास्तुशिल्प डिजाइन के लिए स्कूल ऑफ आर्किटेक्चर एंड प्लानिंग एवं आयुक्त लोक शिक्षण संचालनालय (डीपीआई) के बीच एमओयू ड्रॉफ्ट पर हस्ताक्षर किया गया है। राज्य स्तरीय आधुनिक पुस्ताकलय के निर्माण के लिएसमिति ने अक्टूबर 2017 में ड्राफ्ट बनाकर डीपीआई आयुक्त को सौंपा था। इसके बाद हाल ही में डीपीआई एवं इंडियन पब्लिक लाइब्रेरी मूवमेंट के संयुक्त तत्वावधान में मप्र पब्लिक लाइब्रेरी एक्ट को अंतिम रूप देने के लिए दो दिवसीय बैठक हुई। डीपीआई की ओर से भी पूरा ड्रॉफ्ट तैयार कर स्कूल शिक्षा विभाग प्रमुख सचिव के पास भेजा गया है, जहां से हस्ताक्षर होना बाकी हैं।
मप्र शासन स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा पुस्तकालय के विशेषज्ञों की एक समिति बनाई गई है। इसमें नूतन कॉलेज के पुस्ताकालय एवं सूचना विज्ञान विभाग के अध्यक्ष डॉ. प्रभात पांडेय, राष्ट्रीय विधि संस्थान भोपाल के पुस्तकालयाध्यक्ष डॉ. शिवपाल सिंह कुशवाह, इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस एजुकेशन एंड रिसर्च के पुस्ताकालयाध्यक्ष डॉ. संदीप कुमार पाठक, मौलाना आजाद केंद्रीय पुस्तकालय के पुस्तकालयाध्यक्ष वंदना शर्मा, शिक्षा संस्थान के पुस्तकालयाध्यक्ष डॉ. पीके त्रिपाठी शामिल थे।
छत्तीसगढ़ सहित देश के 19 राज्यों में पहले से ही पुस्ताकलय अधिनियम लागू है। मप्र में भी पांच साल पहले शासन से लागू करने की घोषणा की थी, लेकिन अभी तक इसे लागू नहीं किया गया है। अब समिति ने ड्रॉफ्ट तैयार कर शासन को सौंप दिया है।
राज्य पुस्तकालय परिषद का भी होगा गठन
पुस्तकालय अधिनियम के प्रावधानों में स्कूल शिक्षा मंत्री की अध्यक्षता में राज्य पुस्तकालय परिषद का गठन किया जाएगा एवं आयुक्त डीपीआई इसके संचालक होंगे। इसका कार्य राज्य में विकास योजना बनाना एवं उसे कार्यान्वित करना होगा।

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