CBSE सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन ने 2019 में कक्षा 10वीं की होने वाली बोर्ड परीक्षा में कुछ बदलाव किया है. ताजा रिपोर्ट के मुताबिक कक्षा 10वीं के छात्रों के लिए गणित की परीक्षा में बदलाव किए गए हैं, जहां सीबीएसई गणित की परीक्षा के लिए दो प्रश्न पत्रों के सेट बनाने पर विचार कर रही है. जिसमें एक कठिन और एक मुश्किल पेपर सेट किया जाएगा. बता दें, जो छात्र गणित में अच्छे नहीं है वह आसान पेपर का ऑप्शन चुन सकते हैं.
बता दें, गणित की परीक्षाएं के लिए दो ऑप्शन होंगे. जिसमें वह स्टैंडर्ड लेवल या मौजूदा लेवल के गणित के प्रश्न पत्र पेपर का ऑप्शन चुन सकते हैं. इस साल के अंत तक छात्रों को फॉर्म भरने के दौरान अपने गणित की परीक्षा को लेकर ऑप्शन भरने होंगे. रिपोर्ट के अनुसार सीबीएसई की ओर से ये फैसला उन छात्रों के लिए लिया गया है जो छात्र अपनी आगे की पढ़ाई गणित विषय में नहीं करना चाहते हैं, इसलिए वह छात्र गणित के आसान पेपर को हल करने का ऑप्शन चुन सकते हैं. बता दें, अभी आधिकारिक तौर पर इस फैसले को लेकर कोई सूचना नहीं आई है.
12वीं कक्षा के लिए भी लागू होगा नियम
सीबीएसई का कहना है कि अगर ये नियम 10वीं के छात्रों के लिए सक्सेसफुल साबित होता है तो इस 12वीं के छात्रों के लिए भी लागू किया जाएगा. इसके लिए बोर्ड ने 15 सदस्यीय समिति बनाई है, जिसमें गणित के विशेषज्ञ, विश्वविद्यालयों, स्कूलों और एनसीईआरटी के विशेषज्ञ शामिल होंगे. आपको बता दें, बोर्ड अधिकारियों का कहना है कि भले ही गणित के दो पेपर होंगे, लेकिन उनके सेलेबस एक ही होगा. वहीं पेपर की जांच दो अलग स्तर पर की जाएगी.
इंजीनियरिंग छात्रों के लिए मुश्किल होगी गणित की परीक्षा
जो छात्र आगे इंजीनियरिंग करना चाहते हैं और ज्वांइट एंट्रेंस टेस्ट (JEE) की तैयारी कर रहे हैं, बोर्ड उनके लिए गणित की परीक्षा मुश्किल रखेगा. वहीं दूसरी ओर जो छात्र मेडिकल की पढ़ाई करने के लिए नेशनल एलिजिबिलिटी टेस्ट (NEET) की परीक्षा देने वाले हैं उनके लिए गणित का पेपर आसान रखा जाएगा. सीबीएसई ने कहा कि इस प्रस्ताव के लागू हो जाने के बाद इसे एनसीईआरटी भेजा जाएगा ताकि इसे सेलेबस में शामिल किया जा सके. वहीं जो छात्र आर्ट्स में अपना करियर बनाना चाहते हैं वह आसान गणित के पेपर का ऑप्शन चुन सकते हैं.
कब होगी सीबीएसई की परीक्षा
बता दें, हिंदुस्तान टाइम्स के अनुसार, अधिकारियों का कहना है कि एकेडमिक परीक्षाओं का आयोजन मार्च में ही किया जाएगा और बोर्ड जल्द ही छात्रों के लिए नया टाइम-टेबल जारी कर देगा. इससे छात्र उसके आधार पर अपनी परीक्षा की तैयारी कर सकेंगे. सीबीएसई ने वोकेशनल कोर्स से जुड़े विषयों की परीक्षाएं फरवरी के दूसरे हफ्ते में कराने का फैसला लिया है.
बता दें, गणित की परीक्षाएं के लिए दो ऑप्शन होंगे. जिसमें वह स्टैंडर्ड लेवल या मौजूदा लेवल के गणित के प्रश्न पत्र पेपर का ऑप्शन चुन सकते हैं. इस साल के अंत तक छात्रों को फॉर्म भरने के दौरान अपने गणित की परीक्षा को लेकर ऑप्शन भरने होंगे. रिपोर्ट के अनुसार सीबीएसई की ओर से ये फैसला उन छात्रों के लिए लिया गया है जो छात्र अपनी आगे की पढ़ाई गणित विषय में नहीं करना चाहते हैं, इसलिए वह छात्र गणित के आसान पेपर को हल करने का ऑप्शन चुन सकते हैं. बता दें, अभी आधिकारिक तौर पर इस फैसले को लेकर कोई सूचना नहीं आई है.
12वीं कक्षा के लिए भी लागू होगा नियम
सीबीएसई का कहना है कि अगर ये नियम 10वीं के छात्रों के लिए सक्सेसफुल साबित होता है तो इस 12वीं के छात्रों के लिए भी लागू किया जाएगा. इसके लिए बोर्ड ने 15 सदस्यीय समिति बनाई है, जिसमें गणित के विशेषज्ञ, विश्वविद्यालयों, स्कूलों और एनसीईआरटी के विशेषज्ञ शामिल होंगे. आपको बता दें, बोर्ड अधिकारियों का कहना है कि भले ही गणित के दो पेपर होंगे, लेकिन उनके सेलेबस एक ही होगा. वहीं पेपर की जांच दो अलग स्तर पर की जाएगी.
इंजीनियरिंग छात्रों के लिए मुश्किल होगी गणित की परीक्षा
जो छात्र आगे इंजीनियरिंग करना चाहते हैं और ज्वांइट एंट्रेंस टेस्ट (JEE) की तैयारी कर रहे हैं, बोर्ड उनके लिए गणित की परीक्षा मुश्किल रखेगा. वहीं दूसरी ओर जो छात्र मेडिकल की पढ़ाई करने के लिए नेशनल एलिजिबिलिटी टेस्ट (NEET) की परीक्षा देने वाले हैं उनके लिए गणित का पेपर आसान रखा जाएगा. सीबीएसई ने कहा कि इस प्रस्ताव के लागू हो जाने के बाद इसे एनसीईआरटी भेजा जाएगा ताकि इसे सेलेबस में शामिल किया जा सके. वहीं जो छात्र आर्ट्स में अपना करियर बनाना चाहते हैं वह आसान गणित के पेपर का ऑप्शन चुन सकते हैं.
कब होगी सीबीएसई की परीक्षा
बता दें, हिंदुस्तान टाइम्स के अनुसार, अधिकारियों का कहना है कि एकेडमिक परीक्षाओं का आयोजन मार्च में ही किया जाएगा और बोर्ड जल्द ही छात्रों के लिए नया टाइम-टेबल जारी कर देगा. इससे छात्र उसके आधार पर अपनी परीक्षा की तैयारी कर सकेंगे. सीबीएसई ने वोकेशनल कोर्स से जुड़े विषयों की परीक्षाएं फरवरी के दूसरे हफ्ते में कराने का फैसला लिया है.
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