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Tuesday, September 25, 2018

यूपी में कम होंगी AKTU अंडरग्रेजुएट की 15 हजार सीटें

(AKTU) डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय द्वारा फैकल्टी के पैन और आधार कार्ड की जानकारी मांगने और मैनेजमेंट कोटा पर शासन की कैंची का असर विवि से संबंद्ध इंजीनियरिंग कॉलेजों पर दिखने लगा है। पिछले साल तक जहां इंजीनियरिंग कॉलेज अपने यहां सीट वृद्धि का प्रस्ताव दे रहे थे वहीं अब वे इसे घटाने के लिए आवेदन कर रहे हैं।
अब तक लगभग 350 कॉलेजों ने ऑल इंडिया काउंसिल फॉर टेक्निकल एजुकेशन (AICTE) में अपनी सीटें घटाने के लिए आवेदन दिए हैं। इसके अनुसार स्नातक कक्षाओं में इस सत्र 2017-18 में लगभग 15 हजार सीटें कम हो जाएंगी।
एआईसीटीई(AICTE)हर साल की तरह इस बार भी कॉलेजों ने में संबद्धता के लिए पिछले दिनों आवेदन किए हैं। आवेदन में कॉलेजों ने पनी सीटें कम करने का भी प्रस्ताव दिया है। इस आवेदन की कॉपी उन्होंने अनापत्ति के लिए एकेटीयू को भी भेजी हैं। विश्वविद्यालय की संबद्धता समिति इस पर निर्णय लेकर शासन के माध्यम से एआईसीटीई को 21 दिन के अंदर अपनी अनापत्ति भिजवाएगा। ऐसा न करने पर कॉलेजों के आवेदन स्वत: स्वीकार्य माने जाएंगे।
उल्लेखनीय है कि इस बार उत्तर प्रदेश राज्य प्रवेश परीक्षा (एसईई) शुरू होने के साथ ही शासन ने मैनेजमेंट कोटे से होने वाले दाखिलों पर कैंची चला दी थी। शासन ने निर्देश दिया कि कॉलेजों की खाली सीटों पर भी प्रवेश के लिए अभ्यर्थी को किसी राज्य प्रवेश परीक्षा में शामिल होना अनिवार्य है।
वहीं एकेटीयू प्रशासन ने इस बार संबद्धता के आवेदन में शिक्षकों के पैन नंबर के साथ आधार कार्ड भी मांग लिए हैं। नियुक्त शिक्षकों के सापेक्ष ही उन्हें सीटें अलॉट होंगी। साथ ही तैनात फेकेल्टी को निर्धारित वेतनमान भी देना होगा। इस कारण भी कॉलेज अब किसी तरह की गड़बड़ी नहीं कर पाएंगे। यही वजह है कि उन्होंने खुद ही सीटें घटाने के लिए आवेदन किए हैं।
विवि इसके बाद भी घटा सकता है सीटें--
एमडीयू के दूरस्थ शिक्षा के तहत यूजी-पीजी कोर्सों में दाखिला लेने की आखिरी तिथि 15 सितंबर
एआईसीटीई के साथ ही इन दिनों कॉलेजों द्वारा संबद्धता के लिए एकेटीयू में भी आवेदन चल रहे हैं। आवेदन प्रक्रिया खत्म होने के बाद विवि इनकी स्क्रूटनी करेगा। जो कॉलेज नियमों पर खरे नहीं उतरेंगे, विवि प्रशासन उनकी भी सीटें घटा सकता है।
सवा लाख से अधिक हैं सीटें
विश्वविद्यालय प्रशासन के अनुसार उससे संबद्ध 621 सरकारी व प्राइवेट कॉलेजों में बीटेक, बीआर्क, बीफार्मा, बीएफएडी, बीएचएमसीटी, बीएफए आदि यूजी कोर्सों में सवा लाख से अधिक सीटें हैं। सत्र 2016-17 में इन निर्धारित सीटों पर भी पूरा प्रवेश नहीं हो पाया था।

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